फारस के राजा कुस्रू की कब्र

 फारस का राजा कुस्रू यों कहता है : स्वर्ग के परमेश्‍वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा। उसकी समस्त प्रजा के लोगों में से तुम्हारे मध्य जो कोई हो, उसका परमेश्‍वर उसके साथ रहे, वह यहूदा के यरूशलेम को जाकर इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का भवन बनाए—जो यरूशलेम में है वही परमेश्‍वर है; और जो कोई किसी स्थान में रह गया हो, जहाँ वह रहता हो उस स्थान के मनुष्य चाँदी, सोना, धन और पशु देकर उसकी सहायता करें और इससे अधिक यरूशलेम स्थित परमेश्‍वर के भवन के लिये अपनी अपनी इच्छा से भी भेंट चढ़ाएँ।” '  एज्रा 1:2-4  



कुस्रु राजा का संक्षिप्त इतिहास: ई.स.पू. 558 में कुस्रु द्वितिय अपने पिता के जगह राजा बना। उसने के ही समय पर फारस साम्राज्य का विस्तार हुआ। उसने कई छोटे राज्य को जित कर राज्य की सीमा को बढाया। ई.स.पू. 550 में क्रुस्रु ने मादा के राजा अस्त्यगेस के विरुद्ध में बगावत की और उसे बंदी बना लिया। इससे उसका साम्राज्य और भी बढता गया: वह आशिया मायनर से हल्य्स नदी तक फैल गया। इस घटना के बाद मादी फारस का मजबूत मित्र बन गया और साम्राज्य मादी फारस के नाम से जाना जाने लगा। ई.स.पू. 539 में कुस्रु ने बेबिलोन पर बढ़ी विजय हासिल की और बेबिलोन साम्राज्य भी उसके अधीनता में आ गया। कुस्रु राजा की मृत्यु 530 ई.स.पू. में हुई।


फारस के राजा कुस्रू की कब्र आज पसर्गादाएनामक स्थान पर है जो इराण में स्थित है। प्राचीन ग्रीक लेखों के अनुसार इस कब्र की वास्तु को ईस्वी सन पूर्व 529 के आसपास बनाया गया था। यह कब्र प्राचीन वास्तुशास्त्र का एक उत्तम नमूना है, क्योंकि यह बडे से बडे भुमिकंप में खडी रह सकती है। इसे पिले-सफेद रंग चुने का पत्थर से बनाया गया है। कब्र की इमारत लगभग 2500 साल से नैसर्गिक और अनैसर्गिक आपदाओ को सहते हुए आज भी सही सलामत खडी है। फिलहाल इराण सरकार के द्वारा इसकी देखभाल की जाती है।  



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