हमें पवित्र शास्त्र कैसे प्राप्त हुआ? - चार्ट और संक्षिप्त इतिहास

हमें पवित्र शास्त्र कैसे  प्राप्त हुआ?

कालक्रम अनुसार संक्षिप्त इतिहास






ईस्वी सन पूर्व 2000:


पुराने नियम को मूलतः इब्रानी भाषा में लिखा गया है और इसके  कुछ अंश अरॅमिक भाषा में लिखे गए है। निर्गमन में परमेश्वर ने मूसा को सभी बाते किताब में लिखने कहा। पुराने नियम के अन्य लेखक परमेश्वर के द्वारा प्रेरित हुए; उनमें राजा, याजक, भविष्य वक्ता, अन्य अगुवे, किसान, चरवाहे, अनपढ़ या उच्च शिक्षित आदी लोग सम्मिलित थे। परमेश्वर ने उनका इस्तेमाल किया ताकी अपना प्रकाशन लोगों तक पहुँचाए। यह पवित्र लेख पपायरस के द्वारा बनाए गये कागज पर लिखे गए, जो एक स्क्रोल के रुप में थे, समय – समय पर उनकी प्रति लिपियां बनाई गई। कही बार चमडे के द्वारा बनाए गए टिकाऊ सामग्री का भी उपयोग लिखने के लिए किया गया।


ईस्वी सन पूर्व 500

एज्रा : यहूदी परंपरा के अनुसार यह माना जाता है की याजक और शास्त्री एज्रा ने ईस्वी सन पूर्व 450 के आसपास पुराने नियम की कुछ किताबों का संकलन और  पुन: संघटन किया।  

शास्त्री जो पवित्र शास्त्र की प्रतिलिपिया बनाते थे 

द सेप्टुजेंट
: यह इब्रानी पवित्र शास्त्र के पुराने नियम का ग्रीक अनुवाद है, इसे यहूदी ग्रीक 70 (या 72) विद्वानों के द्वारा मिस्र के अलेक्क्षांद्रेया में ईस्वी सन पूर्व 250-100 के दरम्यान अनुवादित किया गया था। इसलिये  इसे द सेप्टुजेंट कहा जाता है।


ईस्वी सन पूर्व 200


पुराने नियम के किताबों को विषय अनुसार रखा गया
, जैसे ऐतिहासिक, काव्यात्मक, भविष्यवाणियां, इस संस्करण में अ‍ॅपोक्रिपा किताबें भी सम्मिलित थी। जिसे बाद में यहूदी प्राचीनों  ने इब्रानी पवित्र शास्त्र से बाहर निकाल दिया।

ईस्वी सन 1: (ईस्वी सन 4-ईस्वी सन 33?)

प्रभु यीशु के समय काल में:   कही बार प्रभु यीशु ने पुराने नियम के संबंध में कही संदर्भों का उल्लेख किया है। उसने कहा की वह शास्त्र-लेख (पुराना नियम, नियम शास्त्र)  नष्ट करने नहीं बल्कि उसे पूरा करने आया है। उसने अपने चेलों से कहा, 'तब उस ने पवित्र शास्त्र बूझने के लिये उनकी समझ खोल दी, फिर उसने उनसे कहा, “ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कही थीं कि अवश्य है कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्‍ताओं और भजनों की पुस्तकों में मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।” ' लूका 24:44-45

ईस्वी सन 100:

प्रभु यीशु के चेले और अनुयायी :  मत्ती, मरकुस, लुका, यूहन्ना, पौलुस, याकुब, पतरस, और यहुदा इन्होंने नये नियम में सुसमाचार की किताबें, इतिहास (प्रेरितों के काम) कलिसियाओ को पत्रियां और प्रकाशितवाक्य की किताब लिखी. नये नियम का यह लेखन ईस्वी सन 45-100 के दौरान हुआ। नये नियम में इन लेखकों ने पुराने नियम से कही उद्धरण या संदर्भ लिये है। ग्रीक भाषा में लिखे इन लेखों की कई प्रति-लिपियां बनाई गई, जिन्हें ईस्वी सन 150 तक सभी जगहों पर उपलब्ध कराया गया था। जिसे नये नियम (नई वाचा) के नाम से जाना जाने लगा था। नई वाचा जो परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ बांधी है, यिर्मया 31:31-34, लुका 22:20 में प्रभु यीशु ने वर्णन किया था। पौल 1 कुरिंथ 11:45 में और इब्रानी में इसका जिक्र है।

ईस्वी सन 200:

पुराने नियम के अपॉक्रिपा :  प्रथम शताब्दी के ऐतिहासिक लेखक फिलो और जोसेफस के लेख में वर्णित ऐतिहासिक प्रमाण यह साबित करते है इब्रानी पवित्रशास्त्र में (कॅनन में) अ‍ॅपोक्रिपा का समावेश नहीं था।

सुरवाती कॉप्टिक अनुवाद 

पवित्र शास्त्र के आरंभिक अनुवाद : ईस्वी सन 200-300 के दौरान पवित्र शास्त्र का लॅटिन, कॉप्टिक (मिस्र), और सिरईक (सीरिया) भाषाओं में अनुवाद किया गया।

आरंभिक कलिसिया के पिता (अर्लि चर्च फादर्स): इन्होंने सभी सुसमाचार की किताबों और पौलुस की सभी पत्रियों को पवित्र शास्त्र का दर्जा दिया (कॅनॉनीकल – यह शब्द विश्वास के नियम और सत्यापन के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है, जिसके तहत कौन सी किताबें पवित्र शास्त्र में सम्मिलित की जाए उसका निर्धारण किया जाता था) आर्गिन ने नये नियम की 21 किताबों की सूची दी है, तो इसेबियुस ने लगभग 22 किताबों नये नियम किताबों को स्वीकृति दर्शायी है।   

ईस्वी सन 300:

नये नियम की किताबें: जब 313 में कॉन्स्टंटाईन जिसने रोमन साम्राज्य में मसीहत को  राज धर्म बन गया था, उस समय नये नियम की किताबों को संकलित किया और उन्हें पूरे भू-मध्य सागरीय प्रदेश में बांटा गया। 400 तक पूर्वी और पश्चिमी दोनों कलिसियाओ के द्वारा नये नियम की 27 किताबों स्वीकृत किया गया था; जिसकी अथानासियस, जेरोम, ऑगस्टीन और तीन चर्च परिषदों द्वारा पुष्टि की गई है।

संत जेरोम: 382 में जेरोम ने पवित्र शास्त्र का लॅटिन भाषा में अनुवाद करना आरम्भ किया, जिसे उसने अगले 23 साल में पूरा किया। इस अनुवाद को लॅटिन वुलगटके नाम से जाना जाता है। जो कही सदियों तक बुनियादी बाईबल के रूप में इस्तेमाल किया गया।

संत जेरोम 

ईस्वी सन 500

मेसोरिट्स यह यहूदी खास शास्त्री थे जिन्हें इब्रानी पवित्र शास्त्र अर्थात पुराने नियम की प्रती लिपियां बनाने का पवित्र काम सौंपा गया था। साधारणतः: 500 – 900 ईस्वी सन के दरम्यान यह काम लगातार किया ग़या। उन्होंने सावधानी पूर्वक एक ऐसी प्रणाली विकसित जिसमें वे पवित्र शास्त्र के हर एक किताब में के शब्द को गिन के रख देते ताकि वे प्रति लिपियों के प्रामाणिकता के बारे में निश्चित रहे। कोई भी प्रति जिनमें गलतीं पायी जाती उसे यहूदी नियमों अनुसार गाड दिया जाता था।

ईस्वी सन 600

ब्रिटेन में मसीहत लगभग 300 ईस्वी सन से पहले ही पहुँच गई थी। लेकिन ईस्वी सन 600 तक उसका वहाँ कोई प्रभाव नहीं पड पाया था। 596 में कंटेंबरी के ऑगस्टीन ने वहाँ पर फिर से सुसमाचार फैलाना आरंभ किया।

सॅडमन जो एक निरक्षर मठ वासी थे उन्होंने पवित्र शास्त्र के कुछ भागो को जैसे भजन और गीतों को अँग्लो सॅक्षॉन (पुराने अग्रेजी) मी मौखिक रिती से सुनाया।

शेरबोर्न के अल्देहेम ने 709 में भजन संहिता का अनुवाद किया।

बेडे एक मठ वासी और विद्वान थे उन्होंने पुरानी अंग्रेजी अँग्लो सॅक्षॉन में पवित्र शास्त्र के कुछ अंशों को अनुवादित किया। 735 में अपनी मृत्यु तक वे यूहन्ना की किताब अनुवाद कर चुके थे।


संत बेडे 

अल्फ्रेड महान (अल्फ्रेड द ग्रेट) ईस्वी सन 871-901 वेसेक्स के राजा उन्होंने निर्गमन, भजन संहिता, और प्रेरितों के काम का अनुवाद किया।

अल्ड्रेड, दर्हाम के बिशप 950 इन्होंaने सुसमाचारों का अनुवाद किया।

अईल्फ्रिक 955-1020 इन्होंने पुराने नियम का अनुवाद किया।

नॉर्मनस ने 1066 में इंग्लैंड को जीत लिया और फ्रेंच को अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया। उसके बाद लगभग 1300 ईस्वी सन तक कोई भी अनुवाद का काम नहीं हुआ।

ईस्वी सन 1300 - 1455

 

जॉन वाईक्लिफ्फ 


पहला अंग्रेजी बाईबल:
 यह पवित्र शास्त्र 1382 में लॅटिन भाषा से अनुवादित किया गया था; जिसे जॉन वाईक्लिफ्फ के सन्मान में  वाईक्लिफ्फ बाईबल के नाम से जाना जाता है। वे उन्होंने ऑक्सफर्ड से विद्वत्ता प्राप्त की थी। वे एक पादरी थे। अपने जीवन काल में वे चाहते थे की सामान्य लोग भी पवित्र शास्त्र पढ पाएं। उन्होंने कई प्रथाओं और  नीतियों पर टिका की और विरोध किया. उनके अनुयायियों को लोल्लार्ड्स’ (अर्थ-सदस्य) के नाम से जाना जाता था।  उनके द्वारा अनुवादित पवित्र शास्त्र को प्रतिबंधित किया गया तथा उसकी कई प्रतियों जलाया गया। उनके मृत्यु के उपरांत चालीस साल बाद उनके अस्थियों को बाहर निकाल के जलाने के द्वारा इस काम के लिये उनकी निंदा की गई।

1408 में इंग्लैन्ड में बिशप के अनुमति के बिना अनुवादित अंग्रेजी भाषा के पवित्र शास्त्र को पढने की अनुमति नहीं थी।

1455 में छाप ने के यंत्र प्रिंटिंग मशीन की खोज की गई। जगत की यह पहली प्रिंटिंग मशीन जर्मन के जोहान्न गुटेनबर्ग में थी जो पवित्र शास्त्र के प्रसार और वृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण कारण साबित हुआ। इस प्रेस में पहली छपने वाली किताब लॅटिन वुलगट बाईबल का संस्करण था।

 गुटेनबर्ग बाइबल के पन्ने


ईस्वी सन 1500

एरास्मस 

एरास्मस:
एक पादरी और ग्रीक विद्वान, उन्होंने पवित्र शास्त्र का एक ग्रीक संस्करण प्रकाशित किया। 1516 में उन्होंने नये नियम का लॅटिन भाषा में एक अचूक अनुवादित संस्करण प्रकाशित किया। उनका लक्ष्य था की किसान से लेकर कपडे बुनने वाला हर एक सामान्य व्यक्ति पवित्र शास्त्र पढ सके। बाद में उनके ही ग्रीक टेक्स्ट के काम को बाद में मार्टिन ल्युथर, विल्यम टिंडेल और किंग जेम्स के अनुवादकों ने इस्तेमाल किया था।

मार्टिन ल्युथर: इन्होंने नये नियम का  जर्मन भाषा में 1522 में अनुवाद किया।

विल्यम टिंडेल: वे एक पादरी और ऑक्सफर्ड विद्वान थे। उन्होंने 1525 में नये नियम का अनुवाद ग्रीक भाषा से अंग्रेजी भाषा में किया था” परन्तु उसे इंग्लैंड में प्रकाशित करने की अनुमति नहीं मिली। इसीलिए वे जर्मन में गये और वहाँ पर पवित्र शास्त्र को छाप कर मकई और आटे के थैलियों में इंग्लैंड में चोरी छुपे ले आए। 1535 उन्होंने पुराने नियम का कुछ भाग इब्रानी से अनुवादित करके प्रकाशित किया। इस काम के

विल्यम टिंडेल 


लिये उन्हें जलाकर मार देने का दण्ड दिया गया। उनके आखिरी शब्द थे
, “प्रभु इंग्लैंड के राजा के आंखें खोल दे।

टिंडेल को अंग्रेजी पवित्र शास्त्र का पिताभी कहा जाता है। क्योंकि उनका किया हुआ अनुवाद ही किंग जेम्स संस्करण पवित्र शास्त्र का आधार था। अधिकांश शैली और शब्दावली जो आज अंग्रेजी पवित्र शास्त्र में है यह उन्हीं की देन है।  

द कवर्डेल बाईबल: 1535 में पवित्र शास्त्र के इस संस्करण को माईल्स कवर्डेल अनुवादित किया था। जिसे उसने हेंरी (VIII) के पत्नी एने बोलीन को समर्पित किया था। अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित यह पवित्र शास्त्र पहला छपा हुआ संपूर्ण पवित्र शास्त्र था।

द मॅथ्युस बाईबल (1537): इस संस्करण का अनुवाद जॉन रॉजर्स ने थॉमस मॅथ्युके उपनाम से किया था। यह पहला इंग्लिश पवित्र शास्त्र था जो राजा के अनुमति से साथ प्रकाशित हुआ था। विशेष बात यह है की विल्यम टिंडेल के मृत्यु के एक साल बाद ही यह पवित्र शास्त्र छापा गया था। इस बाईबल का नया नियम टिंडेल के नये नियम के अनुवाद के आधारित था, इस पवित्र शास्त्र में पुराने नियम के अंत में लगभग 2.5 इंच बडे बडे अद्याक्षरों में विल्यम टिंडेल का नाम लिखा गया था। इसके तुरन्त बाद ही इंग्लैंड के राजा हेंरी (VIII) और उनके सलाहकार थॉमस क्रोमवेल ने इस द मॅथ्युस बाईबलको संशोधित करने द ग्रेट बाईबलनामक संस्करण तैयार करने को कहा।

चैन में बांधकर रखा हुआ बाइबल 

द ग्रेट बाईबल (1539): इस इंग्लिश संस्करण को वहाँ के हर एक चर्च में रखने की आज्ञा आर्च बिशप थॉमस क्रान्मर के द्वारा राजा हेंरी (VIII) के समय दी गई थी। इस बाईबल को चर्च के खंबों से चैन में बांधकर रखा जाता था ताकी वे चोरी न हो।

ईस्वी सन 1555

इंग्लैंड की रानी मेरी: यह एक कृर रानी थी, जिसने अंग्रेजी भाषा में अनुवादित पवित्र शास्त्र को वहाँ पर प्रतिबंध लगाया। जॉन रॉजर्स और  थॉमस क्रान्मर को इस काम के लिये जिंदा जलाया गया। बाद में लगभग 300 पुरुष और स्त्री और बच्चों को भी जिंदा जलाकर मार दिया गया।

द जिनेव्हा बाईबल: बहुत से मसीह इंग्लैंड से जिनेव्हा जो स्वित्झर्लन्ड में है भाग गये। और वहाँ पर 1560 में जिनेव्हा बाईबल प्रकाशित किया। यह द ग्रेट बाईबलका संशोधितसंस्करण था। और पुराने नियम का अनुवाद सीधे इब्रानी भाषा से किया हुआ था। इस पवित्र शास्त्र में प्रोटेस्टंट विद्वान जॉन कॅल्विन, बेझा, नॉक्स, और व्हिटिंगहाम के द्वारा लिखित सैद्धांतिक टिप्पणियों को शामिल किया गया था। काले अक्षरों की जगह यह रोमन टाइप में छपा हुआ पहला पवित्र शास्त्र था। सेक्सपियर भी इसी पवित्र शास्त्र को इस्तेमाल करते थे। और बहुत से मसीह इसे अपने साथ अमेरिका ले गये थे। 1640 में यह पहला पवित्र शास्त्र था जिसमें से अ‍ॅपोक्रिपा को निकाल दिया गया था।

बिशप्स बाइबल: रानी एलिझाबेथ के अधीनता में 1568 में पवित्र शास्त्र के एक अनुवाद के काम का आरंभ हुआ। चर्च ऑफ इंग्लैंड के बहुत से बिशपों का इसमे सहभाग था।  और इस प्रकार से बिशप्स बाइबल पवित्र शास्त्र का संस्करण तैयार हुआ।

ईस्वी सन 1600

किंग (राजा) जेम्स

किंग जेम्स संस्करण या अधिकृत संस्करण:
 किंग जेम्स प्रथम ने 54 विद्वानों को नियुक्त किया ताकि वे पवित्र शास्त्र का नया अनुवाद संपादित करे। अगले छह सालों में विद्वानों के छह दल ने बिशप्स बाइबल, टिन्डेल बाइबल और ग्रीक और इब्रानी पण्डुलिपियों का उपयोग कर, एक नये अनुवाद को 1611 में संपादित किया। जिसे किंग जेम्स संस्करण (वर्जन ) अधिकृत संस्करण भी कहा जाता है। हालांकि, राजा के कार्यकाल में भी इसका एक पूर्ण  संस्करण नहीं मिल पाया था, समय-समय पर  उसे संशोधित (रिवाइज्ड) कर प्रकाशित किया गया था। आज जो संस्करण उपयोग किया जा रहा है उसे 1769 में संशोधित किया गया था। यह पिछले 300 सालों में सबसे लोकप्रिय पवित्र शास्त्र का संस्करण रहा है।


ईस्वी सन 1800

प्राचीन पांडुलिपियाँ : 1629-1947 के काल में बहुत से प्राचीन पांडुलिपियाँ खोजी गई। जिससे पवित्र शास्त्र की प्रामाणिकता बढी।

कोडेक्स अलेक्झांड्रीनस: नये नियम की पूर्ण संरक्षित प्रति लिपी जो अंदाजन ईस्वी सन 400 की होने की संभावना है। जो पश्चिमी विद्वानो के अध्ययन के लिये  1629 में उपलब्ध की गई।

कोडेक्स सिनाइटिकस (350): यह पांडुलिपि सिनाई पर्वत के पास सेंट कॅथरिन के मठ में पाई गई, जो नये नियम की सबसे पुरानी संपूर्ण आवृत्ति है। 

 संशोधित संस्करण (1885) : 1870 में विद्वानों ने तय किया की प्राप्त पांडुलिपियाँ के आधार पे किंग जेम्स संस्करण को संशोधित किया जाए। उनका उद्देश्य था की पुराने इब्रानी और ग्रीक के आधार पर एक बेहतर अनुवाद मिले।

कोडेक्स वेटिकॅनस: 1889 में विद्वानों के लिये इस पांडुलिपि को अध्ययन के लिये दिया गया, यह ईस्वी सन 350 के आसपास की सबसे अच्छे अवस्था में पाई गई पांडुलिपि है। यह पांडुलिपि वॅटीकन ग्रंथ संग्रहालय में है।  पांडुलिपियों के बारे में और भी गहराई से अन्य एक लेख के द्वारा अध्ययन करेंगे।    

ईस्वी सन 1900

मृत सागर कुण्डल या स्क्रोल: 1947 में एक चरवाहे को मृत सागर के आसपास एक गुफा मिली। जिसमें पुराने नियम के प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियाँ मिली जो ईस्वी सन पूर्व 100 से ईस्वी सन 100 के दरम्यान की थी। यहाँ पर मिली यशयाह की पूर्ण संरक्षित इब्रानी  किताब और  आज के पवित्र शास्त्र में स्थित यशयाह के इब्रानी किताब में अभूत पूर्व समानता है।

कुमरान की गुफ़ाए 

इसी दौरान मिस्र में नये नियम के सौ से भी अधिक पांडुलिपियाँ पाई गई।

अन्य संस्करण: अब हमारे पास पवित्र शास्त्र के जगत के हर भाषा एक या उससे अधिक अनुवादित संस्करण है।

भारतिय भाषा: विल्यम केरी और अन्य सहकारीयों द्वारा 1795- 1845 के दरम्यान भारत की विविध भाषाओं में पवित्र शास्त्र का अनुवाद किया गया।

अंग्रेजी भाषा के अन्य कुछ संस्करण:

नये पाण्डुलिपियों के खोजे जाने के कारण अनेक नये अनुवादित पवित्र शास्त्र के संस्करण प्रकाशित किए गये।

1885 द इंग्लिश रिवाझ्ड वर्जन : किंग जेम्स बाईबल का  ब्रिटिश संशोधित संस्करण

1901 अमेरिकन स्टँडर्ड वर्जन  ASV

1926 मोफ्फाट बाईबल

1931 स्मिथ गूडस्पीड अमेरीकन अनुवाद

1952 द रिवाइज्ड स्टँडर्ड वर्जन  (RSV)

1958 जे. बी. फिलिप्प का नये नियम का मॉडर्न इंग्लिश अनुवाद

1965 द अ‍ॅम्प्लिफाईड बाईबल

1966 जेरुशलेम बाईबल

1970 न्यु इंग्लिश बाईबल

1970 न्यु अमेरिकन बाईबल NAB

1971 न्यु अमेरिकन स्टँडर्ड बाईबल NASB

1971 द लिविंग बाईबल

1976 द गूड न्युज बाईबल TEV (TODAYS ENGLISH VERSION)

1978 न्यु इंटरनॅशनल वर्जन  NIV

1982 न्यु किंग जेम्स वर्जन  NKJV

1987 न्यु शेंच्युरी वर्जन  NCV

1989 ज्युईस न्यु टेस्टमेन्ट

1989 न्यु रिवाझ्ड स्टँडर्ड वर्जन 

1991 कॉन्टेम्प्ररी ईंग्लिश  वर्जन

1995 गूड्स वर्ड

1996 न्यु रिडर्स इंटरनॅशनल वर्जन NIrV

1996 न्यु लिविंग ट्रांसलेशन NLT

2001 इंग्लिश स्टँडर्ड वर्जन ESV

2002 द मॅसेज MSG

2004 होलमॅन ख्रिश्चन स्टँडर्ड बाईबल HCSB

2005 टुडेज न्यु इंटरनॅशनल वर्जन TNIV

2005 न्यु इंग्लिश ट्रांसलेशन NET

संदर्भ:

  1. रोज़ पब्लिकेशन Chart
  2. Foundation of Pentecostal Theology
  3. Evidence that demand the verdict
  4. Images:  Wikipedia

 

 

 

 

 

 

 

 


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