पुरातत्व विज्ञान (Archaeology)
पुरातत्व विज्ञान एक ऐसा विषय है, जिसमें ऐतिहासिक मानव बसाहट या समाज का अध्ययन किया जाता है। ऐतिहासिक जगहों के सर्वेक्षण, खुदाई से निकले अवशेष जैसे बर्तन, हथियार, गहने, रोजमर्रा की चीजें, पेड़-पौधे, जानवर व मनुष्यों के अवशेष, स्थापत्य कला आदि से ऐतिहासिक मानव-संस्कृति को जाना जाता है। खुदाई से निकली कलाकृतियों और स्मारकों का विश्लेषण किया जाता है।
पुरातत्ववेत्ता इन कलाकृतियों और स्मारकों के साथ-साथ इस विश्लेषण को रिकॉर्ड में रखता है। भविष्य में यह सामगी संदर्भ के काम आती हैं। छोटी-से-छोटी, अमहत्वपूर्ण चीज, जैसे टूटे हुए बरतन, मानव हड्डी आदि भी एक अनुभवी पुरातत्ववेत्ता को बहुत कुछ कह जाता है। पुरातात्विक खोजों के निष्कर्ष हमारी पहले की जानकारी में एक नया आयाम जोड़ते हैं।
पारंपरिक तरीके से सामग्री एकत्रित करने के अलावा पुरातत्ववेत्ता नई तकनीक का भी इस्तेमाल करता है, जैसे जीन-अध्ययन, कार्बन डेटिंग, थर्मोग्राफी, सैटेलाइट इमेजिंग, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) आदि।
अलग काम, अलग नाम
पुरातत्व अपने आप में एक विस्तृत विषय है। इसलिए एक पुरातत्वविद का काम उसकी विशेषज्ञता पर निर्भर करता है। इसकी मुख्य शाखाएं इस प्रकार हैं:
वनस्पति पुरातत्व (Archaeobotany): उत्खनन से निकली फसलों या पौधों के अध्ययन के जरिये इतिहास में लोगों के खानपान, खेती-बाड़ी, उस समय की जलवायु स्थिति आदि को जानना।
आर्कियोमेट्री (Archaeometry): पुरातत्व की प्रक्रिया और उसके विश्लेषणात्मक इंजीनयरिंग के सिद्धांतों का अध्ययन।
जीव पुरातत्व (Archaeozoology): वह शाखा जो जीवों के अवशेषों के अध्ययन से उनके घरेलूपन, शिकार की आदतों आदि को जानती है।
युद्ध पुरातत्व (Battlefield Archaeology): प्रमुख युद्ध क्षेत्रों के गहन उत्खनन का विषय।
पर्यावरणीय पुरातत्व (Environmental Archaeology): इतिहास में पर्यावरण के समाज पर असर का अध्ययन।
मानव जाति विज्ञान पुरातत्व (Ethno Archaeology): वर्तमान समय के मानव जाति विज्ञान के डाटा को इतिहास के मानव जाति समाज के डाटा से तुलना ताकि उसके बारे में अधिक जानकारी हासिल की जा सके।
प्रायोगिक पुरातत्व (Experimental Archaeology): विलुप्त हो चुकी सामग्री और प्रक्रियाओं को प्रायोगिक स्तर पर हूबहू तैयार करना ताकि उनकी कार्यशैली की बेहतर समझ प्राप्त हो।
भू-पुरातत्व (Geoarchaeology): मिट्टी और पत्थरों का अध्ययन ताकि भूगोल और पर्यावरण में हुए बदलाव को जाना जा सके।
समुद्रीय पुरातत्व (Marine Archaeology): वह शाखा जिसमें समुद्र के अंदर डूबे जहाजों और तटीय संस्कृति का अध्ययन किया जाता है।
पुरातत्व विज्ञान और बाइबल
18 और 19 शताब्दी में बाइबल में वर्णित प्रदेश में जो पुरातत्त्व खोज की गई, उसने बाइबल की सत्यता को स्थापित किया, और बहुत से संशयवादी लोग, विद्वानो को पवित्र शास्त्र की बाते. घटनाए, इतिहास के बारे में प्रमाण मिले. जिसके द्वारा मसीही विश्वास को और भी मजबुती मिली, लोगो को जवाब देने के लिये सबुत मिले.
मानो जैसे ये बात पुरी हुई 'पत्थर बोल उठेंगे' सालो जमिन में दबे सबुतो ने पवित्रशास्त्र की सच्चाईयो पर मुहर लगाई, और विरोधकों के मुह बंद हुए।
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