बिलाम भविष्यवक्ता के विषयी पुरातत्व सबुत
(BALAAM)
बिलाम, बोर का पुत्र (गि. 24:3) और अन्य जाति भविष्यवक्ता था, जिसे बालाक, जो कि मोआब देश का राजा था, ने इस्राएलियों को शाप देने हेतु बुलवाया। मार्ग में परमेश्वरके दूत के दर्शन के उपरांत बिलाम का इरादा बदल गया और उसने इस्राएलियों को शाप के स्थान पर तीन बार आशीष प्रदान की (गि. 24:10)। बिलाम की ही सम्मति से मिद्यानी लड़कियों को इस्राएलियों के पास भेजा गया, जिनके साथ कुकर्म कर तथा उनके बालपोर नामक देवताओं के पीछे चलकर (गि. 25:1, 2) इस्राएली स्त्रापित ठहरे (गि. 31:16)। बिलाम की दुष्टता की उलाहना बाइबिल में अनेक स्थानों (व्य. 23:4,5; यहूदा 1:11;2 पत. 2:15; प्र.वा. 2:14) में किया गया है।
सन् 1967 में जॉर्डन देश के देईर अला नामक स्थान में उत्खनन के दौरान एक सौ उन्नीस, खण्डित अवस्था में अरेमिक भाषा की लिपि युक्त पलस्तर पाये गए, जो कि भूकम्प के कारण ध्वस्त भवन के मलबे में स्थित दीवार के भाग थे। इस भूकम्प का काल निर्धारण उज्जियाह (अजरियाह) राजा एवं आमोस भविष्यद्वक्ता के काल ई.पू. 760 ( आमोस 1:1 जक. 14:5) किया गया। प्राप्त पलस्तर में पचास पंक्तियाँ लाल एवं काली स्याही से लिखे हुए थे। प्रथम चार पंक्तियों में ही तीन बार ‘बोर का पुत्र बिलाम की पुस्तक चेतावनी, जो ईश्वर की ओर से दृष्टा था' लिखा पाया गया।
प्राप्त उद्धरण एवं बाइबिल के गिनती नामक पुस्तक के विवरण में अत्यधिक समानता है। उक्त खोज, बाइबिल में वर्णित क्षेत्र में ही की गई। इस्राएलियों ने यरदन नदी के पार मोआब के मैदानी भाग में अपने डेरे खड़े किये थे। देईर अला यरदन घाटी में जब्बोक नदी से 25 मील उत्तर में स्थित है। बिलाम, महानदी के तट पर स्थित पतोर नदी (गि. 25:5) का निवासी था। पुरातत्ववेत्ता विलियम शिआ ने देईर अला से प्राप्त एक मृदापत्र में पतोर नाम उत्कीर्ण पाया। इस आधार पर यह भी प्रमाणित होता है कि गिनती 22:5 में वर्णित नदी जब्बोक एवं व्यवस्था विवरण 23:7 में स्थित अरम्न हरैम (हरैम, अर्थात दो नदियाँ) यरदन तथा जब्बोक नदी है गिनती 23:7 में स्थित अराम, वास्तव में आदम नगर है। लिपि में भूलवश 'द' के स्थान पर 'र' लिखा गया। इसके प्रमाण के लिए विलियम शिआ ने व्याख्या दी कि, देईर अला के दक्षिण पश्चिम में 8 मील की दूरी पर आदम नगर पाया गया, जो कि यरदन नदी के पूर्व तट में स्थित है।
देईर अला से प्राप्त उद्धरण में दो स्थानों पर 'शदै' शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द पुराने नियम में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के लिए प्रयोग किया गया है। इससे भी उक्त घटना एवं बिलाम नामक व्यक्ति के होने की प्रमणिकता सिद्ध होती है।
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