याकुब का कुँआ (Jacob's Well)

 

याकुब का कुँआ (Jacob's Well)

यह कुआँ पलस्तीन देश में सूखार नगर से आधा-एक मील दक्षिण में एवं यरूशलेम से आने वाले मुख्य मार्ग पर गिरिज्जीम एवं एबाल पहाड़ियों की घाटी के प्रारम्भ में मोड़ पर एवं शेकेम से दो मील दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसी के निकट युसूफ की कब्र भी स्थित है। यह कुँआ बाइबिल खोजों के सर्वाधिक प्रमाणित स्थानों में एक है। इस पर यहूदी, मसीही एवं मुसलमान सभी समान रूप से श्रृद्धा रखते हैं।
ईस्वी सन् 4वीं शताब्दी में यहाँ एक गिरजाघर स्थित था, जिसका धर्मयोद्धाओं द्वारा पूर्वनिर्माण कराया गया। किन्तु यह गिरजाघर 12वीं शताब्दी में ध्वस्त कर दिया गया, जिससे कुँए पर भूरे पत्थरों का ढेर लग गया। वर्तमान में कुँए के ऊपर एक बड़ा किन्तु अधूरा बना हुआ यूनानी ऑर्थोडॉक्स गिरजाघर स्थित है।
सन् 1835 में रॉबिन्सन ने सर्वप्रथम कुँए के मुहाने को देखा। जिसकी विधिवत नाप ली गईऔर पाया कि कुँआ 105 फीट गहरा है। इसके उपरांत अनेक वर्षों के बाद सन् 1881 में डॉ. सी.ए. बार्कले द्वारा कुएँ की खोज में उत्खनन कार्य किया गया। जिसमें उन्होंने पाया कि कचरा गिरने अथवा फेंकने से कुँए की गहराई 67 फीट रह गई है। बाद में कुँए की सफाई की गई और 105 फीट गहरा कुँआ पाया। बाद के वर्षों में पर्यटकों द्वारा पानी की आवाज से गहराई का अन्दाजा लगाने हेतु डाले गये पत्थरों से कुंआ पुनः भर गया। जिससे गहराई मात्र 75 फीट रह गई। यह कुँआ 7 फीट 6 इंच के घेरे में स्थित है। कुँए का ऊपरी भागमिसियों द्वारा बनाया गया था, लेकिन भीतरी निचला भाग चूना पत्थरों से गढ़ा है। ऊपरी भाग में कुँए से पानी निकालते समय बने रस्सियों के अनेक निशान मौजूद हैं। कुँए का जल साफ है तथा सतह से 70 फीट की गहराई पर अन्धेरे में पीली और नीली रोशनी की मदद से हिलता हुआ देखा जा सकता है। आज कुएँ का पानी छोटे बोतल में बेचा जाता है। याकूब के कुएँ का नया नियम में अत्यंत महत्व है। इसी कुएँ पर यीशु मसीह ने अनन्त जीवन पर कि “जो कोई जल पीएगा, वह फिर प्यासा होगा। परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह उस में एक झरना बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिए उमड़ता रहेगा" (यू. 4:13,14) उदबोधन दिये।
इसी कुएँ पर सामरी स्त्री की यीशु मसीह से भेंट के दौरान स्त्री द्वारा उक्त कुँए को याकूब का होना तथा उनके पूर्वजों को विरासत में देना बतलाया गया (यू. 4:12)।
इस कुँए की स्थिति के विषय में बाइबिल में अत्यन्त स्पष्ट वर्णन है। "यीशु का सामरी प्रदेश से होकर जाना अवश्य था। इसलिए वह सामरी प्रदेश के सूखार नामक एक नगर में आए। यह नगर उस भूमि के पास है जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था। याकूब का कुंआ भी वहीं था" (यू. 4:4-6)।
याकूब ने यह भूखण्ड शेकेम के पिता हमोर के पुत्रों के हाँथ से एक सौ कसीतों (चाँदी के सिक्कों) में मोल लिया था (उत्प. 33:18, 19)।
इसी स्थान में युसूफ की हड्डियाँ जो मिस्त्र से लायी थीं गाड़ी गई (यहोशू 24:32)

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