यरूशलेम (और पुरातत्व खोज)

 

यरूशलेम (और पुरातत्व खोज)

यरूशलेम में सिर्फ इस्राएल देश की विभिन्न संस्थाओं ने ही उत्खनन कार्य सम्पादित किए हैं चूंकि अन्य किसी भी देश अथवा संस्था को इसकी इजाजत नहीं। ताजा खोजों के अनुसार यरूशलेम मंदिर जो कि सन् 70 में ढा दिया गया था, उसकी पश्चिमी और दक्षिणी दीवारों की खोज की गई है। हेरोद के मंदिर में सीढ़ियाँ, मुख्य द्वार, छोटी दुकानें एवं गलियारे, जिनमें दुकानदार अपना माल रखकर बेचा करते थे, खोजी गई हैं। एक बड़ा शिलाखण्ड जोकि दीवार के ऊपरी भाग में स्थित था एवं तीतुस के सैनिकों ने, जिसे सन् 70 में गली में गिरा दिया था, खोजा गया। नगर के अन्य भाग में स्थित एक कब्रगाह खोजा गया, जिसमें रोमी शासनकाल के दौरान क्रूस पर मृत्यु दण्ड दिये हुए लोगों को दफनाया जाता था।
एक अन्य खोज में फ्रान्स के एक बाइबिल विद्यार्थी चार्ल्स क्लेरमॉन्ट गेनऊ ने चित्तीदार शिला पाया जिसमें सिंह का शरीर, पक्षी का पंख एवं मनुष्य का सिर उत्कीर्ण था। उन्होंने इसे बाइबिल में स्थित करूब (निर्ग. 25:18-20) का प्रतीक होना बतलाया, जोकि महल के मुख्यद्वार में स्थित था। सन् 1999 में बाइबिल पुरातत्ववेत्ता रॉनवेट ने एक भूमिगत रास्ता खोजा जिसके विषय में उन्होंने बतलाया कि बेबिलोन द्वारा यरूशलेम की घेराबंदी के दौरान यिर्मयाह द्वारा वाचा के संदूक (साक्षी पत्र का संदूक) को सुरक्षा की दृष्टि से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने हेतु इस मार्ग का उपयोग किया गया। इसी मार्ग के द्वार पर यह शिला होना सुनिश्चित किया।फरवरी 2003 में उक्त स्थान में भूमि छिद्रण राडार स्कैन किया गया, परिणाम स्वरूप पाया कि एक दीवार के पीछे काफी रिक्त स्थान मौजूद है। जिसेउन्होने यिर्मयाह द्वारा प्रयुक्त मार्ग होना सुनिश्चित किया।
इनमें से कई खोजों का विवरण पोस्ट रुप में इस गृप में प्रकाशित किए गये है।
(Credit: Archaeology and The Bible - Paul Johnson)

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