पुराने नियम का इतिहास - अश्शुर का साम्राज्य

अश्शुर का साम्राज्य



अश्शुर का सुरवाती इतिहास

सुलैमान राजा के मृत्यु के बाद ही उत्तरी मेसोपोटेमिया एक साम्राज्य के रूप में उभर के आया। 855-625 ई.स.पू के दौरान अश्शुर ने अपने साम्राज्य को पलिस्तिन की और फैलाना चालू किया। इस्राएल और यहुदा पर इस साम्राज्य ने अनेक प्रकार से प्रभाव डाला।

यह साम्राज्य टिग्रिस नदी के किनारे के क्षेत्र में स्थित था। नुह का पुत्र शेम के वंश सबसे पहले इस क्षेत्र में आकर बसे थे। समय समय पर अन्य जनजातिया यहापर आकर बसी और एक मिश्रित जाति उत्पन्न हो गई। इन लोगो को अश्शुरी बुलाया जाने लगा और उनके प्रदेश का नाम अश्शुर कहलाने लगा। निनवे शहर इस देश की राजधानी का शहर था। जिसे लगभग 2000 ई.स.पू में स्थापित किया गया था। (देखे उत्प 10:11-12, 22)

अश्शुर के इतिहास को शाही अश्शूरियों के इतिहास अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है। हम शिलालेखों, राजा सूचियों, पत्राचार और अन्य पुरातात्विक साक्ष्यों के द्वारा उस इतिहास को अच्छी तरह से जान पाते है।

अश्शुर साम्राज्य विस्तार और उसके द्वारा इस्राएल का पतन


1300 ई.स.पू में अश्शुर ने जलद गति से राज्य विस्तार किया और एक आंतर्राष्टीय सत्ता बन गया। ई.स.पू 900 तक पलिस्तीन में अपना प्रभुत्व नहीं बढाया। अनेक प्रांतो को जितने के बाद उसने सीरिया और इस्राएल की ओर रुख किया। शल्मानेसेर तृतीय ई.स.पू 858-824 के समय में राज्य विस्तार के अभियान चलाए। परन्तु उसके समय में अश्शुर पूर्णता विजय पाने में कभी सफल नहीं हुआ। शल्मानेसेर के द्वारा दर्ज किये गए दस्तावेजो से पता चलता है की ई.स.पू 841 में उसने दमास्कस के राजा हजाएल को पराजित किया जो लगभग बारह राजाओ के साथ मिलकर लढ रहा था जिनमें बेन्हदद भी था। (बेन ह्द्द: 1 राजा 20:26,34) जिसके बारे में शल्मानेसेर के शिलालेख में खुदे हुए नक्काशी में मुद्रित पाते है। जिसमें इस्राएल का राजा उसे सुरक्षा के लिये राशी (वार्षिकतय्शुधा रकम) दे रहा है। राजा शल्मानेसेर की मृत्यु के बाद अश्शुर साम्राज्य पर ई.स.पू. 810-783 तक अदाद-निरारी तृतीय ने राज किया। जिसने दमास्कस के राजा हजाएल तृतिय को काबु में कर इस्राएल को उससे राहत दिलाई। अनेक विद्वान मानते है 2 राजा 13:5 में ‘छुड़ानेवाला’ अश्शुर का राजा अदाद-निरारी ही था जो उसके बदले यहोआस से बदले में तय राशी अदा कर रहा था।

ई.स.पू 745-727 में अश्शुर पे तिग्लप्तिलेसेर ने राज्य किया। जिसके अधिनता में इस्राएल पर पहला सीधा और भारी हमला हुआ। उस समय इस्राएल पर मनाहेम राजा था जिसने उसकी अधिनता स्विकार की, जिसके लिए उसने भारी रकम अनामत के रुप में अदा की। (देखे 2 राजा 15:17-20)

जब इस्राएल के राजा पेकह ने सिरिया के राजा पेकह के साथ मिलकर यहुदा पर चढाई की ताकी उसे अपने साथ मिलाकर अश्शुर का सामना करे। यहुदा के राजा आहाज ने अश्शुर से मदद मांगी। जिसका परिणाम यह था की अश्शुर ने इस्राएल और सिरिया पे आक्रमन कर उसका बहुत से भाग पे 732 ई.स.पू. में कब्जा कर लिया। (देखे 2 राजा 15:29, 16:1-9: यश 7:1-9, 8:4 17:1-3)

इस्राएल के राजा होशे ने अश्शुर के विरोध में बगावत की, इसका नतिजा यह था की अश्शर के राजा शल्मानेसेर पंचम (ई.स.पू. 727-722) ने इस्राएल की राजधानी सामरिया को घेर लिया और तीन वर्ष तक घेरे रहा। इसी दौरान उसकी मृत्यु हुई। उसके बाद अश्शुर के राजा सरगौन द्वितीय (722-705) सामरिया को जित लिया और ई.स.पू. 722 उत्तरी राज्य इस्राएल का पूर्णतः पतन हो गया। अश्शुर के राजा ने इस्राएल के लोगो को बंदि बना कर उन्हे अपने साम्राज्य में बिखरा दिया। और बेबिलोन, कुता, अब्वाहमात और सपवैन्म से लोगो को वहाँ लाकर बसा दिया। होशे आमोस आदी भविष्यवक्ताओ ने इसके बारे में सालो पहले ही भविष्यवाणी की थी। ( देखे होशे 10:5-8. आमोस 7:17)

अश्शुर और दक्षिणी राज्य यहुदा

जिस समय इस्राएल का पतन हुआ यहुदा के राजा आहाज अश्शुर के अधिन हो गया और उसे भारी कर देने लगा। (यश 7:17; 8:5-8; 20: 1-6)

यहुदा के राजा हिजकिय्याह ने उसके उसे कर देने से मना किया फलस्वरुप अश्शुर के राजा सन्हेरीब (ई.स.पू.705-681) सन्हेरिब यरुशलेम को घेरा (ई.स..पू 701) इसके बदले हिजकिय्याह से भारी रकम दी परंतु सन्हेरिब ने उसे धोका दिया। हिजकिय्याह ने परमेश्वर से सहायता मांगी। जिसका परिणाम यह था की अश्शुरी सेना का आश्चर्यजनक रिति से नाश हुआ। सन्हेरीब की नीनवे हत्या कर दी गई।

इसके बाद उसका पुत्र एसर्हद्दोन (ई.स.पू 681-669) उसके स्थान पे राजा हुआ। उसने यहुदा के राजा मनश्शे पे हमला किया और बंदी बनाकर बेबिलोन ले गया।

अश्शुर साम्राज्य का अस्त

उसके स्थान पर अस्शुरबनिपाल अश्शुर का राजा हुआ (ई.स.पू.669-627) । जिसके कार्यकाल में अश्शुर सामर्थ्यशाली बना। परन्तु उसके मृत्यु के बाद अश्शिर का राज्य कमजोर होने लगा। ई.स.पू. 626 बेबिलोन राज्य का उदय हुआ। जिसने अश्शुर को पराजित कर दिया। ई.स.पू. 612 में नीनवे बेबिलोन के जीत लिया गया। नहुम ने इसे परमेश्वर का अश्शुर के विरोध न्याय के रिप में प्रचार किया। (नहुम 1:1) अगले तीन साल में अश्शुर साम्राज्य का पूर्णतः पतन हो गया।

लेख क्रेडिट और ©️ पास्टर संदीप कांबळे


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