प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, ऑर्थोडॉक्स बाइबल में पुस्तकों की तुलनात्मक चार्ट
वर्ग | प्रोटेस्टेंट बाइबल | कैथोलिक बाइबल | ऑर्थोडॉक्स बाइबल |
---|---|---|---|
कुल पुस्तकें | 66 | 73 | 81-86 (संप्रदाय के अनुसार) |
पुराना नियम | 39 | 46 | 49-51 |
नया नियम | 27 | 27 | 27 |
अतिरिक्त पुस्तकें | कोई नहीं | 7 अतिरिक्त | 12-15 अतिरिक्त |
कैथोलिक बाइबल की अतिरिक्त पुस्तकें
- तोबित (200-175 ईसा पूर्व)
- यहूदित (150 ईसा पूर्व)
- प्रज्ञा ग्रंथ (Wisdom) (लगभग 50 ईसा पूर्व)
- सिराक (Ecclesiasticus) (लगभग 200-175 ईसा पूर्व)
- बारूक (लगभग 586-538 ईसा पूर्व)
- 1 मक्काबीयों (लगभग 100 ईसा पूर्व)
- 2 मक्काबीयों (लगभग 124 ईसा पूर्व)
ऑर्थोडॉक्स बाइबल की अतिरिक्त पुस्तकें
- 1 एज़ड्रास (लगभग 2वीं शताब्दी ईसा पूर्व)
- 3 मक्काबीयों (लगभग 100 ईसा पूर्व)
- 4 मक्काबीयों (कुछ संस्करणों में, 1 शताब्दी)
- मनश्शे की प्रार्थना (लगभग 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व)
- सलोमोन की ओड्स (कुछ संस्करणों में)
- 151वां भजन (अज्ञात काल)
अतिरिक्त पुस्तकों के लिए नाम और उनका महत्व
कैथोलिक और ऑर्थोडॉक्स बाइबल की इन अतिरिक्त पुस्तकों को Deuterocanonical Books (द्वितीय-प्रेषित पुस्तकें) कहा जाता है। ये पुस्तकें यहूदी और प्रारंभिक ख्रिस्तीय साहित्य का हिस्सा थीं, लेकिन प्रोटेस्टेंट बाइबल में इन्हें शामिल नहीं किया गया।
प्रोटेस्टेंट बाइबल में शामिल न होने का कारण
- ये पुस्तकें हिब्रू बाइबल (तानाख) का हिस्सा नहीं थीं, जिन पर यहूदी धर्म परंपरागत रूप से आधारित था।
- प्रोटेस्टेंट सुधारकों, विशेषकर मार्टिन लूथर, ने केवल उन्हीं पुस्तकों को स्वीकार किया जो हिब्रू बाइबल का हिस्सा थीं।
- इन पुस्तकों को अपोक्रिफा (Apocrypha) कहा गया क्योंकि इन्हें प्रेरित (Divinely Inspired) नहीं माना गया।
- इनमें से कुछ पुस्तकें ऐतिहासिक और नैतिक शिक्षाओं के लिए उपयोगी मानी गईं, लेकिन प्रमुख धार्मिक सिद्धांतों के लिए नहीं।
0 Comments