इपुवर दस्तावेज (पाण्डुलिपी P. Leiden 344r) मिस्र पे दस विपत्तियों के सबुत
निर्गमन किताब में हुई घटनाओ के सबुत में प्राप्त महत्वपूर्ण दस्तावेज जिसे ‘इपुवर दस्तावेज’ नाम से पहचाना जाता है। जो एक काव्यात्मक लेख है जो पपायस के कागज पे लिखा हुआ है। जो हॉलैंड के लेईडन वस्तुसंग्रालय 1828 में रखा गया। जिसका अनुवाद 1909 में ब्रिटिश इजिप्तॉलोजिस्ट एलॅन एच. गार्डिनर ने किया। फिलहाल यह दस्तावेज नेदरलैंड के नॅशनल म्युझियम ओफ अंटिक़्युटिस में संरक्षित है।
बहुत से इजिप्तॉलोजिस्ट का मानना है की यह मिस्र पर आई हुई विपत्तियों के लिए एक ‘विलापगीत’ है, जिसे मिस्र के किसी अधिकारी ने जिसका नाम इपुवर रहा होगा, यह दस्तावेज ई.स.पू 13 वी का है तथा मुल लेख से नकल किया हुआ है मुल लेख 1850-1450 बीच का हो सकता है ऐसा अनेक इजिप्तॉलोजिस्ट मानते है।
इस दस्तावेज ने बहुत से पुरातत्व विद्वानों को आश्चर्य में डाल दिया क़्यो की यह पुराने नियम के निर्गमन की किताब के दस पीडाओं के घटना से पूर्णतः मेल खाता है। इपुवर पण्डुलिपी का समय काल भी निर्गमन की किताब के समय के साथ मेल खाता है।
इस ‘विलाप गीत’ में इजिप्त में आयी हुई विपत्तियों का वर्णन है, जैसे
1) ‘नाईल नदी का लहु में तबदिल होना (इपुवर 2:10) चारो ओर लहु ही लहु (2:6) निर्गमन किताब हम यह 7:20-21 में पाते है।
2) लोग प्यासे है और पानी के लिय तडप रहे है (इपुवर 2:10) निर्गमन 7:24 में
3) उपर से आग के वर्षाव के बारे में (इपुवर 7:1) ऐसा वर्णन हम निर्गमन 9:22-26 में पाते है।
4) सभी वनस्पति और पौधे नष्ट हो गए, (इपुवर 4:14-25); निर्गमन 9:25
5) धान्य पे विपत्ति (इपुवर 6:3) निर्गमन हम टिट्टियों के द्वारा फसल के विनाश को पाते है निर्ग 10:15
6) पशु और जानवरों पे विपत्ति (इपुवर 5:5) निर्गमन में हम जानवरों पे महामारी का वर्णन पढते है निर्ग 10:22-23
7) मिस्र पे अंधकार ‘(इपुवर 9:11, 10:1) निर्ग 10:22-23
8) राजकुमारीयों के बच्चे मर गये, चुने हुए बच्चे मर गए (इपुवर 4:3-4, 5:6-7) निर्गमन में मिस्रियो के पहलौटे मर ने की घटना निर्ग 12;30
9) ग़ूलाम स्त्रियों को गहने, बहुमुल्य चीजें दे देना (इपुवर 3:2-3) निर्ग 3:22; 12;35-36
10) गुलाम लोग मरुस्थल जहा नमोड तम्बुओ में रहते है वहाँ भाग गये, (इपुवर 9:14-10;2) निर्गमन 12 से 17 अध्याय में हम पाते इस्राएली जो मिस्र में गुलाम थे, सिनाए के मरुस्थल में गये।
फिरसे एकबार मिस्र के अधिकारीक राजकिय ऐतिहासिक दस्तावेज पवित्र शास्त्र की घटनाओ की वास्तिवकता को साबित करते हुए हम पाते है।
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