मलिकिसिदक अब्राहम की भेट करनेवाला याजक

 

मलिकिसिदक अब्राहम की भेट करनेवाला याजक ...

जब वह कदोर्लाओमेर और उसके साथी राजाओं को जीतकर लौटा आता था तब सदोम का राजा शावे नामक तराई में, जो राजा की तराई भी कहलाती है, उससे भेंट करने के लिये आया। तब शालेम का राजा मलिकिसिदक, जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया। और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, “परमप्रधान ईश्वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो। और धन्य है परमप्रधान ईश्वर, जिसने तेरे द्रोहियों को तेरे वश में कर दिया है।” तब अब्राम ने उसको सब वस्तुओं का दशमांश दिया।
उत्पत्ति 14:17‭-‬20
ऐसा कोई परिपक्व मसीही व्यक्ति न होगा जो इस रहस्यमय व्यक्ति मलिकिसिदक राजा और जो याजक भी था उसके बारे में न जनता हो। पवित्र शास्त्र में उसका तीन बार उल्लेख आया है। पहला उल्लेख उत्पत्ति में जब वह विजय अब्राहम से मिलने आता है, दूसरा 1000 वर्ष के बाद भजन 110:4 में जिसमें मसीह यीशु संबंधी भविष्यवाणी है। जो 1000 साल प्रभु यीशु के क्रूस के बलिदान के द्वारा पूरी हुई है। इब्रानी 7:1-28 प्रभु यीशु के याजकत्व इब्रानी का लेखक सिद्ध करता है।
बायबल में वर्णित इस घटना के संबंध में पुख्ता सबूत मिले है। ऑक्सफोर्ड अशमोलिन लाइब्रेरी में वे टैबलेट है जो जलप्रलय के तुरंत बाद होने के सबूत देते है, जो बताते की उन दिनों में कमाई का दसवां अंश देने की परंपरा प्रचलित थी। पुरातत्व खोजकर्ता मानते है की यह परंपरा ई. स. पू. 3400 से पहले से प्रचलित है।*
आर्किलोजिस्ट एली शुक्रोन** जिन्होंने दाऊद नगरी में पुरातत्व खोज में काफी समय व्यतीत किया है, उन्होंने उस मंदिर को प्रकाश मैंने आए है जो मलिकिसीदक जब अब्राहम से मिला था मौजूद था। इस मंदिर की रचना और पुरातत्व खोजकर्ताओं को जो मंदिर का ढांचा प्राप्त हुआ है, उत्पत्ति 14:17-20 की वृतांत पूर्णता मेल खाता है।
मंदिर के अवशेष में जो ढांचा प्राप्त हुआ है, उसमें एक वेदी है जिस पर प्राणियों को बलि चढ़ा जाता होगा, खून बहके जाने के लिए नाली, एक जगह पे दखमधु बनाने का कुंड, जैतून के तेल बनाने की व्यवस्था आदि हम पाते है।
लेख संपादन: संदीप कांबळे
(संदर्भ: * एविडेंस फोर ट्रुथ Vol 2 आर्कियोलॉजी,
** सीबीएन न्यूज इजराइल 10 जुलाई 2019)

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