फारो शिशक - मिस्र के राजा
फारो इस शब्द का अर्थ है ’महान घर’ या ’सर्वोच्च घर’। मिस्र के राजा को इस नाम से पुकारा जाता था। वैसे तो उत्पत्ति की किताब में वर्णित बहुत से फारो के नाम दिए गए नहीं है। लेकिन बाद के बहुत से फारों के नाम दिए गए है। उसमें से एक महत्त्वपूर्ण मिस्र का राजा फारो शिशक था।
शिशक का पवित्र शास्त्र में दो घटनाओं के संबंध में छह बार उल्लेख आया है। जब नाबोत के बेटे यारोबाम ने बगावत की सुलेमान राजा उसे मारने के ताक में था, तब वह मिस्र में फारो शिशक के शरण में गया और सुलेमान राजा मरने तक वही पर रहा। (पढ़े 1 राजा 11:40) कुछ सालो बाद रहुबियाम जब यहुदिया का राजा था, फारों शिशक ने यरूशलेम पर चढ़ाई कर दी थी। (1राजा 14:25, 2 इति. 12:2) लेकिन यहूदियों ने अपने आप को नम्र किया जिससे परमेश्वर ने शमायाह भविष्यवक्ता के द्वारा अपना वचन भेजा।
जब यहोवा ने देखा कि वे दीन हुए हैं, तब यहोवा का यह वचन शमायाह के पास पहुँचा : “वे दीन हो गए हैं, मैं उनको नष्ट न करूँगा; मैं उनका कुछ बचाव करूँगा, और मेरी जलजलाहट शीशक के द्वारा यरूशलेम पर न भड़केगी। तौभी वे उसके अधीन रहेंगे, ताकि वे मेरी और देश देश के राज्यों की सेवा में अन्तर को जान लें।”
2 इतिहास 12:7-8
यरूशलेम को बलपूर्वक जितने के बजाय फारो शिशक ने यरूशलेम से बदले में बहुमूल्य वस्तुएं, सोने के ढाले ले गया। (2 इति 12:9)
शिशक के बारे में ऐतिहासिक और पुरातत्त्व जानकारी
भाषाविज्ञान, इतिहास और ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार, पवित्र शास्त्र में वर्णित शिशक की पहचान मिस्र के पुरातत्व विद्वानो के द्वारा की गई है। शिशक ने बुबस्टाइट पोर्टल में कोर्नाक के महान मंदिर में कॅनन में अपने युध्द के अभियान के साक्ष्य छोडे है। जो यहुदा पे उसके आक्रमण के समय निर्धारित करता है।
मिस्र के पुरातत्व विद्वान केनथ किचन कहते है: बेशक, शिशक प्रथम ने ई. स. पू. 926 में पलेस्टाईन में युध्द के लिये अभियान चलाए। रहोबाम यहुदिया का राजा शिशक के आक्रमण का शिकार था। जिसकी निश्चित तारिख हमें पता चलती है। शिशक नाम से हुए सभी राजाओ (लगभग सात) में शिशक प्रथम ने ही यह हमला किया था। क्योकी की रहोबियाम नाम का यहुदिया में केवल एक ही राजा होकर गया है। इसिलिये मिस्र के इतिहास और पवित्र शास्त्र में वर्णित घटना, समय, और व्यक्ती सभी एक दुसरे के अनुरुप है।
शिशक प्रथम का कार्यकाल ई. स. पू. 945-924 था।
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