यदि हमें पवित्र शास्त्र को समझना है तो पवित्र शास्त्र के समय के जनजीवन, संस्कृती, रितिरीवाज को समझना जरूरी, क्यों की बायबल यह एक विशिष्ट भौगोलिक परिस्थिति, स्थान, भिन्न भिन्न वातावरण और, समयकाल में रचा गया है; परमेश्वर ने इन सभी बातों का उपयोग किया ताकि अपना संदेश मनुष्य तक पहुंचाए।
हमे समझना है कि आज हम एक अलग संस्कृती, स्थान और समय में जी रहे है, और पवित्र शास्त्र को योग्य संदर्भ में पढ़ पाए ताकि वह हम वचन के योग्य अर्थ को समझ पाए और सही शिक्षा को धारण कर पाए। आज अनेक लोगो को बायबल पढ़ने में और समजने जो दिक्कत हो रही है इसका कारण ही बायबल की पाश्वभूमी का पता ना होना, यही कारण है कहीं लोग आसानी से झूठी शिक्षाओं में पढ़ जाते है।
इसीलिए मैं अगले कुछ पाबित्रशस्ट्रा अधायान के द्वारा बायबल के समय का जनजीवन और रितिरावाज इस विषय पर प्रकाश डालने वाला हूं, यह एक शृंखला के स्वरूप में होगी, साथ ही साथ वीडियो और लेखों के माध्यम से हम इस विषय को समझें का प्रयत्न करेंगे।
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