बेबीलोन साम्राज्य का उदय
बेबीलोन साम्राज्य मेसोपोटोमिया के आसपास फरात औत टिग्रिस नदी का ही क्षेत्र था। अश्शुर और बेबिलोन दोनो राज्य एकदुसरे के आसपास ही थे, और
समय दर समय उन में टकराव होता रहा।
सबसे पहले सुमेरियन लोगो ने यहाँ पर 2000 ई.स.पू. में आकर निवास किया और एक सभ्यता की नींव डाली। इस्राएली कुलाधिपतियों के समय पर एमोरी राजघराणे इस क्षेत्र पे राज किया। हम्मुराबी (ई.स.पू.1792-1750) ने बेबीलोन अपना राज्य स्थापित किया। जिसने अनेक विजय हासिल कर साम्राज्य को अधिक मजबुत बनाया। उसने अपने राज्य के लिये मजबुत कानुन व्यवस्था बनाई जो उस समय काफी प्रचलित हुई थी। उसने दीवानी, फौजदारी, सामाजिक, और व्यापर संबंधी जो नियम बनाये वे पहले से अधिक मजबुत और उन्नत थे।
1595 ई.स.पू में बेबिलोन पर हित्तीयो ने राज्य किया, उसके बाद कसाईट जनजाति ने सिन्हासन काबिज कर दिया। कसाईट राजवंश ने बेबीलोन पर 1350 ई.स.पू. तक राज किया। यह एक शांति का काल था।
अस्थिर मध्यकाल अश्शुर की अधीनता
ई.स.पू. 1350 के बाद इस साम्राज्य ने इजिप्त और अश्शुर के साथ संघर्ष का सामना किया। 1160 ई.स.पू में कसाईट राजवंश का राज्य एलामाइट राजवंश के द्वारा समाप्त हुआ। इसके बाद लगभग नबुकदनेस्सर प्रथम ने एलाम से राज्य हतिया लिया। इसके बाद बेबीलोन दो शताब्दि तक बाढ, आकाल, अरामिन जनजातियो का आक्रमण, दक्षिण से कसदियो के आगमन ने त्रस्त कर दिया। इसे बेबीलोन के इतिहास का अंधकार युग कहा जाता है।
अश्शुर साम्राज्य के समय पर अश्शुरी राजा शालाम्नेसेर तृतीय ने बेबिलोन को ई.स.पू. 851 में अपने अधिन कर दिया। इसके बाद बेबीलोन साम्राज्य ई.स.पू 705 तक अश्शुर के अधिन जहा, इस बीच कई बार बेबीलोन के राजाओ ने बगावत की लेकिन सर उठा न पाए।
बेबीलोन का सुवर्णकाल और विजयशाली साम्राज्य उभर कर आना
ई.स.पू में अश्शुर के साम्राज्य के विरोध में बेबीलोन, यहुदा ने बगावत की, परिणाम स्वरुप सन्हेरिब ने जवाबी हमला किया और तत्कालिन बेबिलोन के राजा मेरोदाख-बलादान को एलाम में भागना पडा। यह घटना हिजकिय्याह राजा के समय की है, जब उसने अपने दुतो को उसके पास भेजा था। (2 राजा 20:12-19) ई.स.पू 689 में सन्हेरीब को उसके पुत्र डाला (2 राजा 19:37) ई.स.पू 627 में अस्शुरबनिपाल का मृत्यु के साथ ही अश्शुरी साम्राज्य का अस्त हो गया और बेबिलोन साम्राज्य पर नबोपोलस्सर जो कसदी था राज्य आरम्भ किया। ई.स.पू 612 में उसने अश्शुरी साम्राज्य को पूर्णता अपने अधीन कर लिया।
यहुदा राज्य और बेबीलोन
605 ई.स.पू में बेबीलोन का विजयी साम्राज्य और आगे बढता गया, नबुकदनेस्सर के नैतृत्व में इजिप्त को हरा के अपने अधीन कर दिया। इसी दौरान यहुदा भी बेबीलोन के अधीन हो गया। और यरुशलेम में रहने वाले उच्च परिवार के जवानो को अपने साथ बंदी बना कर ले गया। यहुदा राज्य ने 3 वर्ष बाद फिर बगावत की नबुकद्नेस्सर ने इसे भी दबा डाला और कुछ लोगो को बंदी बना कर ले गया। सिदकिय्याह राजा के समय फिर से एक विद्रोह हुआ, इस बार बेबीलोन ने यरुशलेम पर जोरदार प्रहार किया, नगर जला दिया गया, विद्रोह करनेवालो कि हत्या की गई और सभी लोगो को बंदी बना कर ले गया।
अपने शासन के शिखर पर नबुकदनेस्सर अपने विजयी अभियान, निर्माण आदी के कारण घमण्ड करने लगा। जिससे परमेश्वर उससे क्रोधित हुआ और उसे शिक्षा दी जिसका वर्णन दानिएल के चौथी अध्याय में है।
अस्त
बेलशस्सर (दानिएल 5:1-30) राजा के मृत्यु के साथ 539 ई.स.पू में बेबीलोन साम्राज्य का अस्त हुआ। जिसे मेदी पारस के राजा ने मार डाला। बेबीलोन साम्राज्य की जगह मेदी और पारस साम्राज्य ने ली।
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