अशेरियन राजा सरगॉन का महल - यशयाह 20:1 वचन में वर्णित राजा सर्गोन से संबंधीत पुरातत्व सबुत

 अशेरियन (अश्शुर) राजा सरगॉन का महल

'जिस वर्ष में अश्शुर के राजा सर्गोन की आज्ञा से तर्तान ने अशदोद आकर उससे युद्ध किया और उसको ले भी लिया,’ यशायाह 20:1

सर्गोन राजा का महल

एक समय था जब पवित्र शास्त्र पर प्रश्न उठाने वाले यशयाह के इस पद में उल्लिखित अश्शुर के राजा सर्गोन के अस्तित्व पर भी प्रश्न उठा कर पवित्र शास्त्र के सत्यता पर प्रश्न उपस्थित करते थे. क्योंकि पवित्र शास्त्र के अतिरिक्त कही पर भी ऐसे किसी राजा का उल्लेख नहीं मिलता।

सर्गोन राजा के विजय अभियान का लेख


1842 से 1843 के दौरान फ्रेंच पुरातत्व विद्वान पाओ एमलिओ बोट्टा इराक के कही इलाके में उत्खनन आरंभ किया
उन्होंने नबी योना के टीले से उत्खनन आरंभ करने की कोशिश कीक्योंकि स्थानिक लोग मानते थे की उस स्थान पर भविष्यद्वक्‍ता योना की कब्र है। लेकिन स्थानिक लोगों विरोध के कारण उन्हें अपना काम रोकना पडा। बाद में और एक जगह उत्खनन में असफलता के बाद किसी अरबी ने उन्हें खोर्साबाद’ से पायी हुई दो ईंटें दीजिनपर फन्नी लिपी (Cuneiform) में लेख लिखे हुए थे। इसके बाद उन्होंने अपने खोज के काम का रुख इस इलाके में किया। 1843 में उन्होंने वहाँ पर अपना काम आरंभ किया।

सर्गोन राजा के नाम का शिलालेख

कुछ ही समय में वहाँ पर उन्हें महल के अवशेष प्राप्त हुए। प्राप्त अवशेष के दीवारों पर खुदे ऐतिहासिक प्रमुख जानकारियाँ, और फन्नी लिपी में अनेक लेख प्राप्त हुए। पुरातत्व वेत्ता बोट्टा ने सर्गोन के महल के अवशेष और उससे जुडी बहुत सी जानकारी को भी खोज निकाला। 1851 पुरातात्विक विक्टर प्लेस ने बोट्टा के काम को आगे बढाया। और महल का पूर्ण रिती से उत्खनन कर, दीवारें, हॉल, स्वागत कक्ष, मंदिर आदी सभी चीजों को खोज निकाला। जादा तर दीवारों पर असेरियन देवता के चित्र खुदे हुए थे, साथ ही राजाओं के चित्र, युद्ध के चित्र, धार्मिक विधान और ऐतिहासिक क्षण, और फन्नी लिपी में लेख पाए गये है। इस महल में पाई गई पुरातात्विक जानकारी के द्वारा अश्शुरी साम्राज्य के समय के जन जीवन और संस्कृति का पता भलीभांति चलता है।

संदर्भ 

1. हाइलाइट ऑफ आक्रियोलॉजी 

2. Sargon II's Palace Dur-Sharrukin (gardenvisit.com)

3. Sargon of Akkad - Wikipedia


Post a Comment

0 Comments