नाग हम्मादी (The Nag Hammadi) कोडेक्स या लेख-संच

 

नाग हम्मादी (The Nag Hammadi) कोडेक्स या लेख-संच

1945 इजिप्त में नाइल नदी के किनारे नाग हम्मादी नामक शहर में एक चट्टान के पास प्राचीन पांडुलिपियां मिली। यह एक बड़े से जार या मटके में थे। जो एक किसान को मिले थे। पिछले 100 साल पुरातत्व खोज में यह एक बड़ी पुरातत्व खोज मानी जाती है। इस जार में जो लेख पाए गए वे चौथी शताब्दी के है यह जांच में पता चला। यह पांडुलिपिया प्राचीन रहस्यवादी ज्ञान को रखनेवाले एक मसीही पंथ ( नॉस्टिसिज्म/gnosticism) के बारे में है।
नॉस्टिसिज्म (gnosticism) ग्रीक नोसिस (greek gnosis) या गूढ़ ज्ञान इस संबंध से इसका नाम रखा गया है। नॉस्टिसिज्म हमारे प्रारंभिक कलीसिया, प्राचीन यहूदी और रोमी धर्म के बारे में हम जो कुछ भी ज्ञान रखते है उसे चुनौती देता है।
1945 में एक इजिप्तियन किसान को प्राचिन चमडे के अच्छादन या कवर में लिपटी पपायरस पाण्डुलिपीया (Codex) मिली। जो तेरा खण्डो में थी। पुरातत्व जांच में पाया गया की यह पण्डुलिपिया चौथे शताब्दी के मध्य की है । कोडेक्स के संच में 50 से अधिक ग्रंथ हैं, या ट्रैक्टेटस हैं, जो एक भ्रष्ट ईसाई संप्रदाय के विचारों को बारे में है, जिन्हें नॉस्टिक/Gnostics (रहस्यमय/गुड ज्ञान रखनेवाले) के रूप में जाना जाता है|
इस पांडुलिपियो में जो लेख है उन्हे नाग हम्मादी लेख भी कहा जाता है। ठीक उसी तरह यह लेख ‘नॉस्टिक्स सुसमाचार’ के रूप में भी जाने जाते है।
सारे लेख कॉप्टिक (coptic)भाषा में लिखे गए है, इन लेखों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध लेख है, संत थॉमस का सुसमाचार जो नाग हम्मादी लेखों में पूर्ण संरक्षित लेख है।
आज यह सारी पांडुलिपियां कॉप्टिक वस्तुसंग्रालय में है जो ईजिप्त के कैरो में स्थित है। आज इनके अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध है।
ये कोडेक्स में न केवल 1240 पन्नो के लेख थे बल्की वे लगभग 1600 से साल से अखंडरुप से सुरक्षित थे। साथ ही वे पुरातत्व खोजबिन के लिये निश्चित समय तय करने के लिए मददगार भी साबित हुए है। प्रत्येक चमड़े के आवरण को पपायरस की परतों द्वारा कठिण किया गया था। इनमें से कई पपायरस पचोमियन मठों के भिक्षुओं के व्यक्तिगत और व्यावसायिक दस्तावेज थे, जिनमें अक्सर विशिष्ट नाम और तिथियां शामिल थीं। इस विशेष कोडेक्स कवर को सासनोस नाम के एक भिक्षु से संबंधित व्यावसायिक दस्तावेजों से लिया गया था, जिनके पास मठ के झुंडों का प्रभार था। ये दस्तावेज़ 333, 341 और 348 साल का उल्लेख करते हैं, यह दर्शाता है कि इन कोडेक्स को चौथी शताब्दी के मध्य में एक साथ रखा गया था।
इन कोडेक्स में में हमे पुर्वीय कलीसिया के अधिकतम झुठे और गुढ रहस्यवादी सिध्दांतो का पता चलता है।
नास्टिक्स या नॉस्टिसिज्म की गलत शिक्षाए
इन लेखो से हमें पता चलता है, यह पंथ अनेक गलत शिक्षाओ का पालन करता था। जैसे निर्माणकर्ता परमेश्वए निन्म दर्जे का परमेश्वर है, उससे भी बड़ा परमेश्वर जिसे समझने के लिये ज्ञान की जरुरत है, जिसे वे सोफिया कहते थे। त्रिएक परमेश्वर की धारणा काफी अलग थी। वे परमेश्वर पिता, परमेश्वर माता (ज्ञान-सोफिया) और पुत्र को मानते थे। वे पुत्र यीशु के देहधारण और दुखसहन और पुनरुत्थान को आभासी मानते थे। ऐसे अनेक मसीही विषयो पर उनकी धारनाए काफि अलग और गुढ्वादी थी।
इरेनियस (जैसे सुरवाती फादर्स) और कलिसिया ने ने नास्टिक्स या नॉस्टिसिज्म और उनकी शिक्षाओ का खंडन किया। तथा इसे पाखंड कहा। तथा सुसमाचार की चार किताबे अभी जो नया नियम हमारे पास है उसे और उसी की ही शिक्षाओं प्रमाणित माना।

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