बाइबल के समय के घर

 

बाइबल के समय के घर

इब्रानी नाम 'बेविथ' और अरबी शब्द 'बैत' का अर्थ घर है , बाइबल के घर शब्द क अर्थ बहुत ही विस्तारित है। यह शब्द रहने के स्थान को निर्देश करता था साथ ही पुरे परिवार के लिए भी यही शब्द इस्तेमाल किया जाता। जैसे घराणा, (उत्प 12:17) वंश, (निर्ग 2:1) परमेश्वर के निवासमंडप या मंदिर को 'परमेश्वर का घर' कहा गया। (निर्ग 23:19, 34:26, 1 राजा 5:3-7:1)

इससे पहले हम ने देखा कैसे इस्राएल के कुलाधिपति तंबुओं में रहते थे। मिस्र से छुटकारे के बाद जंगल में उन्होंने तंबुओं में बसेरा किया। जब इस्राइली कनान देश में बस गए तब वे पक्के घरों में रहने लगे।

हम उत्पत्ति की किताब में पाते है की मनुष्य जल प्रलय के बाद की पक्के घरों को बनाने की कला को हासिल कर लिया था।

'तब वे आपस में कहने लगे, “आओ, हम ईटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएँ।” और उन्होंने पत्थर के स्थान पर ईंट से, और चूने के स्थान पर मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, “आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें, ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।” उत्पत्ति 11:3‭-‬4 '

साथ ही कनान, पलेस्टाइन, मिस्र, मेसोपोटामिया, आदि जगह पर लोग एक जगह पर बस कर रहने लगे और गाव और नगर बसाए गए।


घर बनाने के साहित्य और रचना
पवित्र शास्त्र के समय के घर सामान्यता आयतकृत हुआ करते थे। घरों के प्रकार के बारे में कहा जाए तो वो एक कमरे का घर हुआ करता था। लोगो की आर्थिक परिस्थिति के अनुसार घर बड़े और एक से ज्यादा कमरे वाले भी हुआ करते थे। बाइबल में एक या को मंजिला घरों का वर्णन भी है। साथ ही पलेस्टाइन के उत्खनन में उस समय के घरों और नगरों की रचना के बारे में काफी कुछ पता चलता है। जिसके कुछ चित्र मैंने यहापर दिए है।
सामन्य लोगो के घर, धनवान लोगो के घर और राजाओ के घरो में अंतर हुआ करता था।
हम शालोमन के महल के बारे में पढ्ते है। जो विशाल था। न्यायियो के किताब में हम दागोन के मंदिर में 3000 से ज्यादा लोगो को बैठा हुआ पाते है। नये नियम में हम उस उपरी खोली के बारे में पढ्ते है जहपर 120 लोग इक्क्ठा हुए थे। ‬

घरों की नीव पत्थर से बनाई जाती, मत्ती 7:24 में प्रभु येशु नीव के बारे में बात करता है। घर बनाने की के मिट्टी, पत्थर, और लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता था। बडी इमारतो को तरासे हुए पत्थर से बनाया जाता।

घर की दीवारों को पत्थर या कच्ची इटों से बनाया जाता जो धूप में सुखाई जाती। (ईयोब 4:19) बाद में पक्की इटों का भी उपयोग किया गया। दीवारों को मिट्टी से लेपा जाता। धनवान लोग घर को सुशोभित वस्तुओं से सजाते , दीवारों में बंद या खोलने योग्य खिड़की हुआ करती थी। जो रास्ते के दिशा में खुलती तथा चोरों से रक्षा के लिए सुरक्षात्मक ढंग से बनाई हुई होती थी। घर का छत और खिड़की की रचना ऐसी हुआ करती थी जिस से घर में पर्याप्त प्रकाश प्राप्त हो। दरवाजे को लकडी या पत्थर के चौकडी में बिठाया जाता।

घर के कमरे की लंबाई साधारणता छत के लकड़ी के लंबाई के बराबर हुआ करती थी। घर की छत वृक्ष के दलियो को बुनकर एक लकड़ी के बिम के सहारे रखकर बनाई जाती। उसपर कीचड़ दाल कर पक्का किया जाता, जिसे गोलाकार पत्थर से समतल किया जाता। छत पर जाने के लिए सीढ़ी बनाई जाती। घर के अंदर की जमीन को समतल किया जाता।
बड़े घरों में आंगन हुआ करते थे। जिस में लोगो के नहाने और पानी जमा कर रखने की व्यवस्था हुआ करती थी। खाना बनाने के लिए चूल्हा और भट्टी भी इसी भाग मे होती। अपने जानवरों के लिए घर को लग कर ही व्यवस्था कि जाती। (संदर्भ 1 राजा 6:5, निर्ग 12:22,23, 1 राजा 6:31, 2 राजा 23:12, यिर्म 19:13, 32:29, प्रेरि 10:9)

इस्राएल के घरो की पुरात्त्व खोज के कुछ चित्र
































घर के अंदर की वस्तुएं

घर के अंदर की रचना ( हाथ से बनाया हुआ चित्र)


सोने के लिए चटाई, खाट का उपयोग किया जाता। घर में खुर्ची और मेज की व्यवस्था की जाती। खास मौकों पर मेहमानों के लिए भी अलग घर बनाया जाता। (2 राजा 4 8-10) रात में उजाले के लिए दिवट का उपयोग किया जाता। घर में आटें के लिए हाथ की चक्की भी होती।



नगर और गाव की रचना

बाइबल के समय पे हम शहरपनाह वाले गांव या नगर को पाते है। जो गांव या नगरों को शत्रुओं के आक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता। जैसे यरिहो (यहोशु 6 अध्याय, 1 राजा 16:34, 2 राजा 6:24) नगरो में फाटक के पास लोग इक्कट्ठे होकर समय बिताते थे। (यश 36:11) गाव या नगरो के एक भाग में बाज़ार हुआ करता था। रात के समय में पहरेदार शहरपनाह पे पहरा देते। यिर्म 33:1-9






बाइबल में घर – आत्मिक संबंध
नया नियम तम्बु में रहने को मरनहार्य जीवन से तुलना करता है, वही पर पक्के घरो की तुलना चिरस्थायी जीवन से करता है। पढे 2 कुरि 5:1-2 ‘क्योंकि हम जानते हैं कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा, तो हमें परमेश्‍वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा जो हाथों से बना हुआ घर नहीं, परन्तु चिरस्थाई है। इसमें तो हम कराहते और बड़ी लालसा रखते हैं कि अपने स्वर्गीय घर को पहिन लें’ प्रभु येशु ने स्वर्ग को पिता क घर कह कर सम्बोधित किया और कहा की वहाँ पर बहुत सी जगह है। युह 14:1-3

यीशु ने कहा मै तुम्हारे लिये घर तयार करने जा रहा हुं युहन्ना अध्याय 14 वचन 1 और 2
इब्रानी का लेखक कहता है की कुलाधिपति पराए देश में परदेशीयों के समान तम्बुओं में रहे क्योंकी उन्हे उस स्थिर नींववाले नगर की आशा थी जिसका रचनेवला और बनानेवाला परमेश्वर है। इब्रानी अध्याय 11 वचन 9 से 10
परमेश्वर आपको आशीष करें
संदर्भ:- 
1) Manners and Customs in the Bible land
2) Topical Bible Dictionary (Compact)
3) Bible Encyclopedia - Bible gateway 
4) Archaeology of the Bible Evidence of Truth
5) The Cultural World of the Bible




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