काइफा महायाजक के बारे में पुरातत्व सबुत
तब जो यहूदी मरियम के पास आए थे और उसका यह काम देखा था, उनमें से बहुतों ने उस पर विश्वास किया।
परन्तु उनमें से कुछ ने फरीसियों के पास जाकर यीशु के कामों का समाचार दिया।
इस पर प्रधान याजकों और फरीसियों ने महासभा अर्थात्, सदर अदालत या बड़ी कचहरी बुलाई, और कहा, “हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिह्न दिखाता है।
यदि हम उसे यों ही छोड़ दें, तो सब उस पर विश्वास ले आएँगे, और रोमी आकर हमारी जगह और जाति दोनों पर अधिकार कर लेंगे।”
तब उनमें से काइफा नामक एक व्यक्ति ने जो उस वर्ष का महायाजक था, उनसे कहा, “तुम कुछ भी नहीं जानते; (युहन्ना 11:47;49)
1990 में इस्राएली पुरातत्व वैज्ञानिक झ्वि ग्रीन्हट के द्वारा एक कब्रगाह खोजी गई। यह एक गुफ़ा थी, जब इस गुफ़ा का परिक्षण किया गया। यह कइफा महायाजक की पारिवारिक दफनभुमी थी।
वहाँ पर 12 पत्थर के बक्से मिले जिनमें से 2 पर कइफा लिखा हुआ है। एक पर ‘युसुफ, कइफा का पुत्र’ लिखा हुआ है, उस बक्से में 60 साल के बुजुर्ग की अस्थियाँ थी, साथ ही एक महिला की और चार जवान लोगों की अस्थियाँ पाई गई।
पुरातत्व वैज्ञानिक रोनी रैच विवरन देते है, “इस गुफा में पाए गए सबसे विस्तृत रूप से सजाए गए स्थान में कैफा से संबंधित दो शिलालेख हैं। । । अत्यधिक सजाए गए अस्थि-कलश में दफन वृद्ध व्यक्ति जाहिरा तौर पर यूसुफ था। यह संभवतः एक पूर्वज था जिसने इस उपनाम को प्राप्त किया था।
“ युसुफ नामक व्यक्ती जिसका उपनाम कइफा था वह यरुशलेम इ. सन 18-36 में महायाजक के पद पर था। नये नियम में केवल उसके उपनाम को दर्ज करती है। (देखे मत्ती 26:3, 57, लुका 3:2, युहन्ना 11:49, 18:13-14, 24,28: प्रेरित 4:6)
पहले शताब्दी इतिहासकार योसेफस उसके नाम के बारे विवरण देता है; "युसुफ, जो कईफा कहलाता है महायजक था;" (Biblical Archaeological Review,
September-October 1992, p. 41)
पुरातत्व खोज ने नये नियम के अंदर वर्णित लोगो के अस्तित्व को साबित करती है। यह साबित करता है की पवित्र शास्त्र की बातें कोई कथा कहाँनिया नहीं है, बल्की ऐतिहासिक है। वास्तविक है। जिसके प्रमाण यह जिंदा सबुत है।
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