फिरौन हाफ्रा संबंधी शिलालेख
(Stela of Pharaoh Hophra Discovered in Farmer’s Field (June 2021)
खोज: मिस्र के फिरौन वहीब्रे (हिब्रू में हाफ्रा, ग्रीक में एप्रिस के नाम से जाना जाता है) के नाम वाला एक शिलालेख हाल ही में एक किसान द्वारा खोजा गया था जब वह अपने खेत की जुताई कर रहा था; उन्होंने तुरंत इसे मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय को भेज दिया।
शिलालेख को बलुआ पत्थर में उकेरा गया है और इसके ऊपर एक गोलाकार चंद्राकार पर एक पंखों वाली सन-डिस्क और वाहिब्रे का एक कार्टूच है। वाहिब्रे (हाफ्रा/एप्रिस) 26वें राजवंश का एक फिरौन था जिसने 589-570 ईसा पूर्व तक शासन किया था। तक शासन किया मिस्र के पुरावशेष विद्वानों का मानना है कि यह शिलालेख पूर्व में उनके सैन्य अभियान के दौरान बनवाया गया था। पवित्रशास्त्र में दर्ज है कि जब राजा सिदकिय्याह ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के खिलाफ विद्रोह किया, (2 राजा 24:15-17), उसी समय उसने मदद के लिए मिस्र को बुलावा भेजा। तब होप्रा की सेना सिदकिय्याह की सहायता के लिए गई, और नबूकदनेस्सर की सेना यरूशलेम पर हमला करने से पीछे हट गई (यिर्म. 37:5-8)।
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या हाल ही में खोजा गया यह शिलालेख हफ्रा के इस अभियान से संबंधित है या नहीं। यिर्मयाह 44:30 में फिरौन हाफ्रा का नाम लेकर उल्लेख किया गया है, जो कहता है, "यहोवा यों कहता है : देखो, जैसा मैं ने यहूदा के राजा सिदकिय्याह को उसके शत्रु अर्थात् उसके प्राण के खोजी बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दिया, वैसे ही मैं मिस्र के राजा फ़िरौन होप्रा को भी उसके शत्रुओं के, अर्थात् उसके प्राण के खोजियों के हाथ में कर दूँगा।”
गौरतलब है कि यह शिलालेख मिस्र के इस्माइलिया में पाया गया है जो प्राचीन शहर तहपन्हेस से 29 मील दूर है, जहां यिर्मयाह को बंदी बना लिया गया था। (यिर्म. 43:6-7) और यही से उसने फिरौन हफ़्रा के ख़िलाफ़ भविष्यवाणी की थी (यिर्म. 44:1)
इस खोज का महत्त्व: इस खोज ने फिर एक बार साबित किया की पवित्र शास्त्र में दर्ज जानकारियाँ पूर्णता ऐतिहासिक है।
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