खंडन माता यरुशलेम पंथ – किताब रिव्हू ( by Pastor Sandip Kamble)

 खंडन माता यरुशलेम पंथ – किताब रिव्हू ( by Pastor Sandip Kamble)



आज जिस समय में हम जी रहे है, हमारे आसपास अनेक झूठे शिक्षक और पंथ पनप रहे है। सोशल नेटवर्क के माध्यम से भी मसीहत के सच्ची शिक्षाओं पर हमले हो रहे है, झूठे शिक्षक और पंथ उस भेडिये के समान है जो भेड का रुप धारण कर के आते है और भोले भाले मसीही विश्वासीयो को फाड खाने के लिये भटकाते है। लेकिन बहुत कम मसीही उन भेडियों के प्रति विश्वासीयों में जागृति करने का प्रयास कर रहे है।

आज ऐसी झूठी शिक्षाओं के साथ ‘माता यरुशलेम’ नाम का पंथ काम कर रहा है और अनेक मसीहीयों को वचन के गलत व्याख्या करने के द्वारा भटकाकर अपने साथ नाश का कारण बना रहा है। हिंदी और अन्य भाषा में इस पंथ को उत्तर देने के लिये कोई किताब अब तक उपलब्ध नहीं थी। लेकिन हमारे लिये खुशखबरी है।

भाई फ्रांसिस ने इस पंथ को लेकर लोगों में जागृति लाने के लिये एक प्रशंसनीय कदम उठाया है। गहरे अध्ययन और कठिन परिश्रम करते हुए उन्होंने ‘माता यरुशलेम’ पंथ को लेकर अंग्रेजी और हिंदी में किताब प्रकाशित की है। मेरे जानकारी के हिसाब से इस झूठे पंथ को लेकर यह पहली किताब है। विशेष कर के यह किताब हमारे लिये बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है।

भाई फ्रांसिस अॅपॉलॉजेटिक्स सेवकाई में कई सालो से कार्यरत है, अन्य धर्मी, और नास्तिक और झूठे पंथों को कई सालों से जवाब देते आये है। हिंदी भाषा में इस प्रकार की सेवा करने वाले वे पहले व्यक्ति है।

यह किताब बहुत आसान स्पष्टीकरण के साथ, सहजता से माता यरुशलेम के सभी झूठी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए खंडन करती है। एक साधारण बाइबल का अभ्यास करने वाला व्यक्ति भी इस किताब के माध्यम से सहजता से इस पंथ के बारे में सब कुछ जान पाएगा। इस किताब निम्नलिखित कुछ प्रश्नों प्रकाश डाला गया:

1. क्या मसीह लौट चुका है?
2. उसका नाम आन सांग होंग है?
3. क्या पवित्र आत्मा का नाम है?
4. क्या यरुशलेम हमारी माता है?
5. क्या हमें सब्त का पालन करना चाहिये?

मैं इस किताब को हर विश्वासीयों को पढने और उसके अध्ययन करने का अनुरोध करना चाहूंगा। और आपके आसपास यदि इस पंथ के लोग है तो उन्हें यह किताब जरूर उपहार के रूप में दे।
- पास्टर संदीप कांबळे (The Door Christian Center Church Thane)

इस किताब को खरिदने संबंधी जानकारी के लिये ग़्लोरी अ‍ॅपॉलॉजेटिक्स पेज को फॉलो करें....

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